छत्तीसगढ़ संवाददाता
कोण्डागांव, 12 फरवरी। नगरीय निर्वाचन में निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के तहत औसत मतदान प्रतिशत से 15 प्रतिशत अधिक या कम मतदान दर्ज करने वाले मतदान केन्द्रों की बुधवार को विस्तृत समीक्षा की गई। यह समीक्षा पॉलिटेक्निक कॉलेज स्थित स्ट्रांग रूम के बाहर जिले की प्रेक्षक दिव्या गौतम की उपस्थिति में संपन्न हुई, जिसमें सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ निर्दलीय उम्मीदवार भी मौजूद रहे।
समीक्षा के दौरान कोण्डागांव नगर के चार मतदान केन्द्रों में औसत से कम मतदान दर्ज किया गया। इन केन्द्रों में तैनात पीठासीन अधिकारियों की डायरी की जांच की गई, लेकिन किसी भी प्रकार की त्रुटि या अनियमितता नहीं पाई गई। वहीं केशकाल और फरसगांव के मतदान केन्द्रों में किसी भी स्थान पर औसत मतदान प्रतिशत से 15 प्रतिशत अधिक या कम मतदान दर्ज नहीं हुआ।
निर्वाचन आयोग के नियमों के अनुसार यदि किसी मतदान केंद्र में औसत मतदान प्रतिशत से 15 प्रतिशत अधिक या कम मतदान दर्ज होता है, तो इसकी विशेष समीक्षा की जाती है। इस प्रक्रिया के तहत पीठासीन अधिकारियों की रिपोर्ट, मतदान से जुड़े अन्य दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के आंकड़ों का विश्लेषण किया जाता है। समीक्षा बैठक में राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को भी इस प्रक्रिया से अवगत कराया गया, जिससे चुनावी पारदर्शिता बनी रहे।
समीक्षा के दौरान प्रेक्षक ने यह स्पष्ट किया कि मतदान प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की अनियमितता सामने नहीं आई है और निर्वाचन आयोग के निर्देशों के अनुरूप सभी प्रक्रियाओं का पालन किया गया है।
छत्तीसगढ़ संवाददाता
कोण्डागांव, 12 फरवरी। नगरीय निर्वाचन में निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के तहत औसत मतदान प्रतिशत से 15 प्रतिशत अधिक या कम मतदान दर्ज करने वाले मतदान केन्द्रों की बुधवार को विस्तृत समीक्षा की गई। यह समीक्षा पॉलिटेक्निक कॉलेज स्थित स्ट्रांग रूम के बाहर जिले की प्रेक्षक दिव्या गौतम की उपस्थिति में संपन्न हुई, जिसमें सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ निर्दलीय उम्मीदवार भी मौजूद रहे।
समीक्षा के दौरान कोण्डागांव नगर के चार मतदान केन्द्रों में औसत से कम मतदान दर्ज किया गया। इन केन्द्रों में तैनात पीठासीन अधिकारियों की डायरी की जांच की गई, लेकिन किसी भी प्रकार की त्रुटि या अनियमितता नहीं पाई गई। वहीं केशकाल और फरसगांव के मतदान केन्द्रों में किसी भी स्थान पर औसत मतदान प्रतिशत से 15 प्रतिशत अधिक या कम मतदान दर्ज नहीं हुआ।
निर्वाचन आयोग के नियमों के अनुसार यदि किसी मतदान केंद्र में औसत मतदान प्रतिशत से 15 प्रतिशत अधिक या कम मतदान दर्ज होता है, तो इसकी विशेष समीक्षा की जाती है। इस प्रक्रिया के तहत पीठासीन अधिकारियों की रिपोर्ट, मतदान से जुड़े अन्य दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के आंकड़ों का विश्लेषण किया जाता है। समीक्षा बैठक में राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को भी इस प्रक्रिया से अवगत कराया गया, जिससे चुनावी पारदर्शिता बनी रहे।
समीक्षा के दौरान प्रेक्षक ने यह स्पष्ट किया कि मतदान प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की अनियमितता सामने नहीं आई है और निर्वाचन आयोग के निर्देशों के अनुरूप सभी प्रक्रियाओं का पालन किया गया है।