क्विक कॉमर्स प्लेटफॉम्र्स के द्वारा नियामक उल्लंघनों को उजागर करने श्वेत पत्र-कैट

रायपुर, 15 नवंबर। व्यापारिक संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष अमर पारवानी, चेयरमेन मगेलाल मालू, अमर गिदवानी, प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, वाशु माखीजा, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन, एवं कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल ने बताया कि कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने नई दिल्ली में एक श्वेत पत्र जारी किया। कैट ने बताया कि इसमें क्विक कॉमर्स (क्यूसी) प्लेटफॉर्म्स जैसे ब्लिंकिट, इंस्टामार्ट, ज़ेप्टो, स्विगी आदि के उन कार्यों पर गंभीर चिंता व्यक्त की गई है, जो भारत की खुदरा अर्थव्यवस्था की नींव को कमजोर कर रहे हैं। इन प्लेटफार्म्स पर विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) का दुरुपयोग कर आपूर्तिकर्ताओं पर नियंत्रण, इन्वेंटरी पर प्रभुत्व, और अनुचित मूल्य निर्धारण के लिए इस फंड का उपयोग करने के आरोप लगाए। कैट ने बताया कि ये ऐसी रणनीतियाँ हैं जो एक असमान बाजार बनाती हैं, जहां प्रदेश सहित देश के 3 करोड़ किराना स्टोर्स का टिक पाना लगभग असंभव हो गया है। ये प्लेटफार्म छोटे खुदरा विक्रेताओं को बाजार से बाहर धकेलने का काम कर रहे हैं,कैट ने कहा। कैसे क्यूसी कंपनियां एफडीआई नीति और भारत के प्रतिस्पर्धा अधिनियम का उल्लंघन कर रही हैं। इन उल्लंघनों के साथ-साथ पारदर्शिता की कमी न केवल छोटे व्यवसायों को नुकसान पहुंचाती है, बल्कि संपूर्ण खुदरा पारिस्थितिकी तंत्र को भी विकृत करती है। कैट ने बताया कि कैट ने नियामक निकायों से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया, ताकि क्यूसी प्लेटफॉर्म निष्पक्ष प्रथाओं का पालन करें और छोटे व्यापारियों के हितों की रक्षा की जा सके। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल की हाल ही में की गई टिप्पणियों का स्वागत किया, जिसमें उन्होंने क्यू कॉमर्स पर इसी प्रकार की चिंताओं को व्यक्त किया था। श्री गोयल ने कहा था कि ये अनुचित व्यापारिक कार्य किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे और स्थानीय किराना स्टोर्स के साथ क्यूसी प्लेटफॉर्म्स को जोडऩे पर जोर दिया जाये।

क्विक कॉमर्स प्लेटफॉम्र्स के द्वारा नियामक उल्लंघनों को उजागर करने श्वेत पत्र-कैट
रायपुर, 15 नवंबर। व्यापारिक संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष अमर पारवानी, चेयरमेन मगेलाल मालू, अमर गिदवानी, प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, वाशु माखीजा, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन, एवं कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल ने बताया कि कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने नई दिल्ली में एक श्वेत पत्र जारी किया। कैट ने बताया कि इसमें क्विक कॉमर्स (क्यूसी) प्लेटफॉर्म्स जैसे ब्लिंकिट, इंस्टामार्ट, ज़ेप्टो, स्विगी आदि के उन कार्यों पर गंभीर चिंता व्यक्त की गई है, जो भारत की खुदरा अर्थव्यवस्था की नींव को कमजोर कर रहे हैं। इन प्लेटफार्म्स पर विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) का दुरुपयोग कर आपूर्तिकर्ताओं पर नियंत्रण, इन्वेंटरी पर प्रभुत्व, और अनुचित मूल्य निर्धारण के लिए इस फंड का उपयोग करने के आरोप लगाए। कैट ने बताया कि ये ऐसी रणनीतियाँ हैं जो एक असमान बाजार बनाती हैं, जहां प्रदेश सहित देश के 3 करोड़ किराना स्टोर्स का टिक पाना लगभग असंभव हो गया है। ये प्लेटफार्म छोटे खुदरा विक्रेताओं को बाजार से बाहर धकेलने का काम कर रहे हैं,कैट ने कहा। कैसे क्यूसी कंपनियां एफडीआई नीति और भारत के प्रतिस्पर्धा अधिनियम का उल्लंघन कर रही हैं। इन उल्लंघनों के साथ-साथ पारदर्शिता की कमी न केवल छोटे व्यवसायों को नुकसान पहुंचाती है, बल्कि संपूर्ण खुदरा पारिस्थितिकी तंत्र को भी विकृत करती है। कैट ने बताया कि कैट ने नियामक निकायों से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया, ताकि क्यूसी प्लेटफॉर्म निष्पक्ष प्रथाओं का पालन करें और छोटे व्यापारियों के हितों की रक्षा की जा सके। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल की हाल ही में की गई टिप्पणियों का स्वागत किया, जिसमें उन्होंने क्यू कॉमर्स पर इसी प्रकार की चिंताओं को व्यक्त किया था। श्री गोयल ने कहा था कि ये अनुचित व्यापारिक कार्य किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे और स्थानीय किराना स्टोर्स के साथ क्यूसी प्लेटफॉर्म्स को जोडऩे पर जोर दिया जाये।